Friday, July 15, 2022
SHIVOHAM
Monday, July 11, 2022
SHIVOPASANA MANTHRAM
Sunday, July 3, 2022
EKADANTAYA VAKRATUNDAYA
Saturday, July 2, 2022
HANUMAN CHALISA
निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु
बुद्धिहीन तनु जानिके
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनिपुत्र पवनसुत नामा ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुंडल कुंचित केसा ॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥
संकर सुवन केसरीनंदन ।
तेज प्रताप महा जग बंदन ॥
विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥
सूक्श्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचंद्र के काज सँवारे ॥
लाय सजीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।
राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना ।
लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्र जोजन पर भानू ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥
राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रच्छक काहू को डर ना ॥
आपन तेज संहारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥
सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु संत के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अंत काल रघुबर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥
और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेई सर्व सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ॥
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरु देव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मँह डेरा
कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ॥
दोहा
पवनतनय संकट हरन
राम लखन सीता सहित
Friday, July 1, 2022
NIRVANA ASHTAKAM / CHIDANANDA SHIVOHAM
VIBHUTI DHARANA MANTHRA
Sri Datta Ashtakam
श्री दत्ताष्टकम् गुरुमूर्तिं चिदाकाशं सच्चिदानन्दविग्रहम् । निर्विकल्पं निराबाधं दत्तमानन्दमाश्रये ॥ 1 ॥ योगातीतं गुणातीतं सर्वरक्षा...
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This version of Anjaneya Stuti was taken from renowned devotional Youtuber Nanduri Srinivas. I had no intention of circulating this. I jus...
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देवराज सेव्यमान पावनाङ्घ्रि पङ्कजं व्याल यज्ञसूत्र मिन्दुशेखरं कृपाकरम् । नारदादि योगिवृ॒न्द वन्दितं दिगम्बरं काशिकापुराधिनाथ कालभै...
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जय गणेष जय गणेष जय गणेष पाहीमां । जय गणेष जय गणेष जय गणेष रक्शमां । जय गणेष जय गणेष जय गणेषपाहीमां । जय गणेष जय गणेष जय गणेष रक्शमां । म...